Saturday 29 December 2018

कुछ लोग..!


कुछ लोगों ने साथ दिया है,
कई ने दिल भी तोड़ा है।
कुछ लोग हमेशा साथ रहे,
और कुछ ने तन्हा छोड़ा है॥

यह वर्ष भी अंतिम चरण में है,
न जाने अगला कैसा हो।
आशा है, हिम्मत न टूटे,
चाहे मंज़र जैसा हो॥

 
इस बार कई ने परखा है,
कुछ लोगों ने अपनाया भी।
कुछ लोग मिले थे ऐसे भी,
कि गले लगा ठुकराया भी॥

कुछ ने दिल में बात रखी,
पर कुछ ने खूब सुनाया भी।
मुट्ठी भर ने धोखा देकर,
अच्छा सबक सिखाया भी॥

कुछ लोगों ने हाथ बढ़ाए,
कुछ ने मुझे बनाया भी।
फिर तोड़-तोड़ कर अलग किया,
और कुछ ने हाथ बँटाया भी॥


अब नया वर्ष भी सम्मुख है,
कुछ नई चुनौती लेकर।
नए रास्ते, नई जगह;
और नई कसौटी लेकर॥

कुछ लोग मिलेंगे ‘भोर’ की भाँति,
नए वर्ष के साथ।
हर लेंगे सब अंधकार,
बस थामे रखना हाथ॥



©प्रभात सिंह राणा ‘भोर’


Wallpapers-Wall 1,Wall 2

No comments:

Post a Comment

Write your name at the end of the comment, so that I can identify who it is. As of now it's really hard for me to identify some people.
Sorry for the inconvenience..!!
Thanks..!!