Tuesday, 24 December 2019

याद आने तो दो..!

तुम्हें याद करने के बहाने तो दो।
हम भी याद आएँगे, याद आने तो दो।।

यूँ ही नहीं कोई मान लेता मोहब्बत हमारी।
दो-चार बार मोहब्बत हो जाने तो दो।।


तुम कहते हो इश्क़ में, यूँ ख़तरा बहुत है।
इक बार मुझे ख़तरा भी उठाने तो दो।।

तुमने कहा मोहब्बत तुम्हारी समझ के बाहर है।
मेरा इश्क़ मुझे तुमको समझाने तो दो।।

इश्क़ अब नहीं होता, यही कहा था न?
हो जाएगा मुझसे, पास आने तो दो।।


कोशिश तो करो तुम, समझ ही जाओगे।
मेरा हाल मुझे खुल के बताने तो दो।।

थक चुका है 'भोर' भला इश्क़ भी कब तक करे।
नज़रें फिराओ, आँसुओं को छुपाने तो दो।।


©प्रभात सिंह राणा 'भोर'


Wallpapers- Wall 1,Wall 2

6 comments:

  1. Bhai bhai kya likha hai 👍👍❤❤

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  2. बेहद खूबसूरत अभिब्यक्ति

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  3. बहुत सुंदर बहुत खूब
    आपकी रचनाएं बहुत खुबसरत है
    हाल ही में मैंने ब्लॉगर ज्वाइन किया है आपसे निवेदन है कि आप मेरी कविताओं को पढ़े और मुझे सही दिशा निर्देश दे
    https://shrikrishna444.blogspot.com/?m=1
    धन्यवाद

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  4. bahot aa rhi hai.....

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  5. बहुत सुंदर रचना

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Write your name at the end of the comment, so that I can identify who it is. As of now it's really hard for me to identify some people.
Sorry for the inconvenience..!!
Thanks..!!