तेरी गहरी काली आँखों की,
तारीफ़ तो सबने की होगी।
उन लोगों की सूचि में,
इक नाम मेरा भी लिख लेना॥
उन घने लहरते बालों में भी,
लोग कई उलझे होंगे।
उन लोगों के जैसे मेरी,
भी उलझन तू लिख लेना॥
कुछ ने तेरी हँसी की ख़ातिर,
अपनी खुशियाँ छोड़ी होंगी।
मेरी भी खुशियों के बदले,
अपनी खुशियाँ लिख लेना॥
कानों के उन झुमकों पर भी,
कुछ का दिल तो आया होगा।
उन झुमकों पर ऐसा करना,
दिल मेरा भी लिख लेना॥
नाक की बाली ने भी,
सबका ध्यान कभी खींचा होगा।
ध्यान अभी तक बँटा हुआ है,
मन मचला होगा कुछ का।
ऐसा करना उन पर ये,
अंजाम मेरा भी लिख लेना॥
मेरी भी चाहत है तेरे
संग शुरु हों दिन मेरे।
अब ‘भोर’ नहीं तो नहीं सही,
इक शाम मेरी भी लिख लेना॥
©प्रभात सिंह राणा ‘भोर’
Wallpapers- Wall 1, The second one however is one of my best friend's hand. ;)
कोई किसी की आँखों पर मरता है, किसी को उसके बाल पसंद है, किसी को उसके नखरे पसंद आते हैं, किसी को उसके होंठ
ReplyDeleteलेकिन असल प्रेम वहीं है जो उसकी हर खूबी-कमी को पसंद करे
बहुत सुन्दर रचना भोर जी 🙏 सादर
बहाने पधारें 🙏
जी बिल्कुल, प्रेम को परिभाषित कर पाना मुमकिन नहीं मेरे विचार से। प्रेम बेहद गहन है।
Deleteप्रतिक्रिया हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद!
यूँ ही प्रेम बनाये रखिये।
आभार! 🙏
सुंदर श्रृंगारिक वर्णन
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद!
Deleteआशा है मेरी अन्य रचनायें भी आपके मन को भा जाएँ।
सादर आभार!
मेरी रचना को "पाँच लिंकों का आनन्द" में स्थान देने हेतु हृदय से आभार!
ReplyDeleteप्रांजल अहसासों से भरी रचना..
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
बहुत-बहुत आभार!
Deleteअन्य रचनाओं पर भी एक नज़र अवश्य दीजिएगा।
वाह बहुत सुंदर सरस शृंगार रचना ।
ReplyDeleteप्रतिक्रिया हेतु हृदय से आभार!
Deleteआशा है अन्य रचनायें भी पसंद आयेंगी।
धन्यवाद!
प्रशंसनीय
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद! हृदय से आभार। आशा है अन्य रचनाएँ भी आपके मन को भा जाएँगी।
Deleteबहुत खूब, हमारे हिंदी ब्लॉग पर भी जरूर आएं प्रेरणादायक सुविचार
ReplyDeleteबहुत बहुत सुन्दर सराहनीय
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद!
Deleteye haath humko dede thakur .....
ReplyDeleteThaaakur... ye haath hamka dede....
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