Monday 29 July 2019

छोड़ दो..!


तुम मुझे भूल जाने का बहाना छोड़ दो,
ऐसा करो, तुम भी याद आना छोड़ दो।
जानते हो मेरे ख़्वाबों में रोज़ आते हो तुम,
अब रोज़-रोज़ आकर यूँ सताना छोड़ दो॥

याद तुम्हें भी आती होगी,
अक़्सर तन्हा रातों में।
रोते हो ख़ुद; हमें भी रुलाते हो,
तुम ऐसे बेपरवाह रुलाना छोड़ दो॥

तुम अक़्सर ही रूठ जाते हो,
मैं अक़्सर तुम्हें मनाता हूँ।
कहीं ऐसा ना हो; मैं मनाना छोड़ दूँ,
हर बात पर रूठ जाना छोड़ दो॥

जब बात मैं तुमसे करता हूँ,
तुम अलग ध्यान में रहते हो।
बहुत बोझ लिये फिरते हो,
सबका बोझ अपने काँधे पर उठाना छोड़ दो॥


मैंने कब कहा कि रोज़ परवाह किया करो,
एक-दो दिन में तुम हाल ही पूछ लिया करो।
अच्छा चिन्ता नहीं करते हो; जानता हूँ मैं,
अब खामखां मुझको ये बताना छोड़ दो॥

जितनी कोशिश करी है मैंने,
शायद तुमने भी की होगी।
अब प्यार नहीं तो कह दो मुझसे,
यूँ झूठा प्यार जताना छोड़ दो॥

‘भोर’ की शुरुआत से मैं,
बस तुझे ही चाहता हूँ।
ऐसा है; अब बहुत हो गया,
बात-बात में मेरा दिल ले जाना छोड़ दो॥

तुम मुझे भूल जाने का बहाना छोड़ दो।
ऐसा करो तुम भी याद आना छोड़ दो॥



©प्रभात सिंह राणा ‘भोर’


Wallpapers- Wall 1

4 comments:

  1. Nice broooo....
    Keep it up..
    May God bless you...

    ReplyDelete
    Replies
    1. Thanks a ton. Your words mean a lot to me. Keep them regular. Keep loving, keep sharing..! 😊

      Delete

Write your name at the end of the comment, so that I can identify who it is. As of now it's really hard for me to identify some people.
Sorry for the inconvenience..!!
Thanks..!!